आपदा विभाग में गड़बड़ झाला !, कांग्रेस बोली – मुख्यमंत्री के विभाग में ये क्या हो रहा है?

उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यमंत्री के अधीन आपदा विभाग में हो रहे गड़बड़ झाले को लेकर बयान जारी कर चिंता व्यक्त की है। दसौनी ने कहा की आपदा विभाग में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खुद के विभाग में एक के बाद एक इस्तीफे हो रहे हैं। हाल ये है कि आपदा विभाग के सभी महत्वपूर्ण पद खाली हो चुके हैं। गरिमा दसौनी ने सवाल पूछा है कि मुख्यमंत्री के विभाग में ये क्या हो रहा है?

कांग्रेस ने आपदा विभाग को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि आपदा विभाग सब कुछ ठीक नहीं है और इसी कारण विभाग नें एक बाद एक इस्तीफे दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा विभाग से इस्तीफ़ा देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को विभाग के सचिव रणजीत सिन्हा की तरफ से नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

इस्तीफा देने वालों पर लगाए गए हैं गंभीर आरोप
गरिमा दसौनी के मुताबिक कारण बताओ नोटिस जारी कर इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर विभाग ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सिन्हा द्वारा हर अधिकारी को अलग-अलग नोटिस दिया गया है और उन पर आरोप भी अलग-अलग तरह के लगाए गए हैं। कुछ नोटिस में तो सीधे-सीधे आपराधिक षड्यंत्र और फ्रॉड के आरोप लगाए गए हैं। इस नोटिस में कर्मचारी पर प्रोजेक्ट पर काम कर रही एक कंपनी को फायदा पहुंचाने और उसके साथ मिलकर षड्यंत्र कर विभाग को पांच करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

आपदा विभाग में घोटाले का दसौनी ने किया खुलासा
दसौनी ने कहा इन आरोपों का आधार हाई पावर कमेटी को बनाया गया है। जिसने एक तकनीकी कमेटी की जांच के आधार पर आरोप तय किए और नोटिस भेजा। इस नोटिस में अधूरी और झूठी जानकारी देकर भुगतान करने का अनुमोदन करने का आरोप लगा है। एक दूसरे अधिकारी को नोटिस में पूछा गया है कि 2013 की आपदा में एयर फोर्स के अधिकारियों को जो खाना खिलाया गया है उसका ब्यौरा पेश करें। और उसमें गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे कई और लोगों को उनके पदों पर रहते हुए किए गए कामों को लेकर नोटिस भेजे गए हैं।

आपदा विभाग से जिस भी बड़े अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है उसे विभाग की तरफ से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है या भेजा जा रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान जो कार्य उन्होंने किए हैं, उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दसौनी ने कहा कि सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री अपने विभाग की तरफ लगातार उदासीन क्यों बने हुए थे ? क्यों विभाग में हो रही गड़बड़ियों की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया ?

आपदा विभाग में आपस में ही चल रही नूरा कुश्ती
दसौनी का कहना है कि कुछ नोटिस के जवाब भी आने शुरू हो गए हैं। ऐसे ही एक जवाब में बेहद गंभीर टिप्पणियां की गई हैं। नोटिस के जवाब में कारण बताओ नोटिस की भाषा पर कड़ी आपत्ति की गई है। उसमें कहा गया है कि आपराधिक षड्यंत्र का आरोप आपराधिक मानहानि के दायरे में आता है। और इसको लेकर मुख्य सचिव को भी एक पत्र लिखा गया है।

दसौनी ने कहा कि एक ओर जहां मानसून आहट दे चुका है वहीं भौगोलिक विषमताओं वाले प्रदेश उत्तराखंड में जिसका आपदाओं के साथ चोली दामन का साथ है उस विभाग में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे सर्कस चल रहा हो। जिस विभाग को पूरी गंभीरता के साथ आपदाओं से निपटने के लिए कमर कसनी चाहिए थी वहां आपस में ही नूरा कुश्ती चल रही है।

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