देहरादून the मिसाइल न्यूज़
पूर्व में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में कई सालों से मंत्री रहे हरक सिंह पर अब ईडी की नजर टेढ़ी होती जा रही है हरक सिंह के समर्थकों तथा उनके खास अधिकारियों पर भी जांच केंद्रित होती जा रही है हरक सिंह की समर्थक रही रुद्रप्रयाग जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी इस जांच में सामने आ रही है तथा उनके देहरादून स्थित पंजाब नेशनल बैंक का लॉकर ईडी ने कंगाल है जिसमें से 45 लख रुपए के जेवर मिले हैं तथा लक्ष्मी राणा से इसका जवाब मांगा जा रहा है
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीते दिनों वन विभाग की पाखरो रेंज में हुए घपले में लक्ष्मी राणा का लॉकर खुलवाया। लॉकर से करीब 45 लाख के गहने मिले हैं। इन्हें जब्त कर ईडी ने जांच शुरू कर दी है। लक्ष्मी राणा से इनका हिसाब मांगा गया है।
रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा पूर्व बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत की करीबी बताई जाती हैं। बीते दिनों ईडी की टीम ने उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में घपले को लेकर 17 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कुल 6 लॉकर ईडी टीम ने फ्रीज कराए थे। अब इन्हें खुलवाए जाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। लक्ष्मी राणा का घंटाघर में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में स्थित लॉकर खुलवाया गया। बैंक, ईडी टीम और लक्ष्मी राणा की मौजूदगी में यह लॉकर खुला। इससे यह गहने मिले। अब इन गहने की खरीद की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने कार्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण कार्यों में घपले और कैंपा फंड में गड़बड़ी को लेकर यह छापेमारी उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, श्रीनगर, लैंसडौन, काशीपुर, ऋषिकेश के साथ ही दिल्ली और हरियाणा में की थी। छापेमारी में 1.10 करोड़ रुपए नगदी, सवा किलो सोना, विदेशी डॉलर, बैंक लॉकर, डिजिटल डिवाइस, विभिन्न डीलों के दस्तावेज और 60 करोड़ की जमीनों के दस्तावेज कब्जे में लिए थे। अब दस्तावेजों के साथ ही लॉकरों की जांच पर ईडी ने फोकस किया है। लॉकरों से ईडी को कई राज खुलने की उम्मीद है।
इस घपले में उत्तराखंड के अफसर ईडी के रडार पर आ गए हैं। पाखरो प्रकरण में कुछ अफसरों व तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के घर छापेमारी के बाद ईडी को इनके बारे में अहम जानकारियां मिली थीं। इसके बाद ईडी ने इनकी भी गोपनीय जांच शुरू कर दी है। ईडी को छापेमारी के दौरान एक आईएफएस के घर से कुछ अन्य आईएफएस के नामों के कुछ दस्तावेज मिले हैं। इनमें लाखों रुपयों के लेन देन को लेकर तथ्य हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहते कॉर्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण को मंजूरी मिली थी। 101 हेक्टेयर में टाइगर सफारी के लिए मंजूरी से ज्यादा पेड़ काटने और बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के करोड़ों के निर्माण कार्य करने के आरोप लगे। विभागीय एसआईटी के साथ विजिलेंस ने भी जांच की। अब सीबीआई इसकी जांच कर रही है। ईडी की तरफ से आय से अधिक संपत्ति और मनी लांड्रिंग की जांच को यह छापेमारी की गई है