उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हो रहे भूस्खलन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिहरी जिले के मांदरा गांव के ठीक ऊपर शनिवार दोपहर भूस्खलन हो गया। जिसके बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। बता दें कि मांदरा गांव विगत कई वर्षों से भूस्खलन की मार झेल रहा है लेकिन प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश है।
टिहरी के बालगंगा तहसील स्थित मांदरा गांव के ठीक ऊपर दिन दोपहर भारी भूस्खलन हो गया। जिसे लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्राम प्रधान ओमप्रकाश नौटियाल ने बताया कि मांदरा गांव विगत कई वर्षों से भूस्खलन की मार झेल रहा है। लेकिन शासन-प्रशासन ने इस और कभी कोई ध्यान नहीं दिया।
पिछले कुछ सालों से लगातार हो रहा है भूस्खलन
पिछले 2011, 2013 और 2017 में भी गांव के ऊपर और नीचे काफी भूस्खलन हुआ था। लेकिन प्रशासन अभी तक क्षति का कोई आंकलन नहीं कर पाया है। शनिवार सुबह को फिर गांव के ऊपर भारी भूस्खलन हो गया। जिसकी पहली वजह जल जीवन मिशन के तहत जल निगम घनसाली द्वारा केपार्स गांव के गजवाणगां और हैड़ी तोक के लिए बनाई गई पाइप लाइनों के दो बड़े-बड़े फिल्डर गांव के ठीक ऊपर बनाए गए हैं। जिनका रिसाव धीरे-धीरे गांव की और हो रहा है।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
पूर्व प्रधान मोहन लाल भट्ट ने बताया कि ग्रामीण द्वारा ठेकेदार और विभाग को लाख मना करने के वावजूद भी जबरदस्ती पानी के फिल्टर बनाए गए। जिस कारण आज गांव को डर के साए में जीना पड़ रहा है। जो आने वाले समय में किसी बड़ी घटना को भी दावत दे सकता है।
तमाम ग्रामीण सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग और पक्का ट्रिटमेंट की मांग कर रहे हैं। जबकि केपार्स वालों द्वारा जबरदस्ती बनाई गई पेयजल लाइन और फील्डर को हटाने की मांग कर रहे। ग्रामीणों द्वारा तहसील प्रशासन को सूचना करने पर राजस्व उप निरीक्षक एन डी जोशी द्वारा मौके का मुआयना कर ग्रामीण की क्षतिग्रस्त कृषि भूमि और अन्य नुकसान का जायजा किया गया।