आपदा की भेंट चढ़ी सड़कें तो डोली को बनाया एंबुलेंस, 10 किमी पैदल चलकर छात्रा को पहुंचाया अस्पताल


आपदा की मार : सड़कें बंद, छात्रा की तबियत बिगड़ने पर डोली में बैठाकर पहुंचाया अस्पताल
हाल ही में आई आपदा ने लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत डुंगरा बोहरा क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है. गांव की सड़कें और पैदल रास्ते सब कुछ आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं. 13 दिन बीतने के बावजूद, ना तो सड़कें सुचारू हो पाई हैं और ना ही पैदल मार्ग, जिससे ग्रामीण अब अपने घरों में कैद हो गए हैं.


इस विषम परिस्थिति में, 18 वर्षीय जानकी पुत्री मोहन सिंह की कहानी ने सभी को झकझोर दिया है. बीते मंगलवार को जब जानकी की तबियत अचानक बिगड़ी, तो गांव के युवाओं ने उसकी मदद के लिए अपने जीवन को दांव पर लगाने का साहस जुटाया. युवाओं ने डोली और पीठ पर लादकर जानकी को 10 किमी पैदल चलकर रोसाल तक पहुंचाने का कठिन सफर तय किया.

प्रशासन से की जल्द से जल्द मार्ग का निर्माण कराने की मांग
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर राम ने बताया कि गांव में खाद्यान्न, पानी और अन्य जरूरी चीजों का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द पैदल मार्ग का निर्माण करने की मांग की है ताकि वे आवश्यक वस्तुएं जुटा सकें. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द रास्ते सुचारू नहीं होते, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.

आसपास के गांवों की जनता भी हो रही प्रभावित
ईश्वर राम ने यह भी बताया कि आपदा से क्षेत्र के खेत खलिहान पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. हालांकि प्रशासन ने सड़क खोलने के लिए पोकलैंड मशीन लगाई है, लेकिन सड़क खुलने में अभी समय लग सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क और रास्ते बंद होने से आसपास के गांवों की जनता भी प्रभावित हो चुकी है, और उन्हें सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है।

बेबस नजर आ रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत मार्ग खोलने में तेजी लाने की अपील की है, ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके और वे फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकें. ग्रामीणों का कहना है कि बिना सड़कों के, दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच संभव नहीं हो पा रही है. वे चाहते हैं कि प्रशासन उनकी आवाज सुनकर जल्द से जल्द कार्रवाई करे.

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