हल्द्वानी: IG कुमाऊं ने शुरू किया “मिशन नव शिखर”! अधिकारियों को मिला होमवर्क..

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हल्द्वानी- कुमायूँ परिक्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली एवं व्यवस्था को और अधिक बेहतर, सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाए जाने के उद्देश्य से पुलिस महानिरीक्षक कुमायूँ परिक्षेत्र रिद्धम अग्रवाल की पहल पर “मिशन नव शिखर: नई ऊँचाईयों की ओर” अभियान प्रारम्भ किया गया है।

“मिशन नव शिखर”: नई ऊँचाईयों की ओर” कुमायूँ पुलिस का अभिनव अभियान

इस अभियान के अंतर्गत कुमाऊं के सभी जनपद प्रभारियों एवं अन्य राजपत्रित अधिकारियों (पुलिस उपाधीक्षक से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक) को अलग-अलग विषयों पर अध्ययन, विश्लेषण एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है। अधिकारीगण अपने अध्ययन के दौरान उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर अन्य राज्यों से भी आंकड़े एवं सूचनाएँ प्राप्त करेंगे। यदि किसी राज्य अथवा केंद्रीय एजेंसी द्वारा किए जा रहे नवाचारों (New Initiatives) का अध्ययन आवश्यक होगा, तो अधिकारी वहाँ जाकर संबंधित बिंदुओं व सुझावों को अपनी कार्ययोजना में सम्मिलित करेंगे।

“IG की पाठशाला में अधिकारियों को मिला होमवर्क- नवाचार और सुधार की ओर बढ़ते कदम”

सभी अधिकारियों द्वारा सौंपे गए दायित्वों पर की गई प्रगति की समीक्षा माह अगस्त के अंत तक की जाएगी। तत्पश्चात माह अक्टूबर के अंत तक विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण कुमायूँ परिक्षेत्र के समस्त अधिकारियों के समक्ष किया जाएगा, जिससे नए विचार व सुझाव भी प्राप्त हो सकें। अंतिम रूप से तैयार कार्ययोजनाओं को एकीकृत प्रस्ताव के रूप में पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के अवलोकनार्थ प्रेषित किया जाएगा।

मिशन नव शिखर – मुख्य दायित्व व कार्ययोजना*

  1. श्री कैंची धाम में सुगम यातायात व्यवस्था
    – श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यातायात प्रबंधन को वैज्ञानिक और तकनीक आधारित बनाया जाएगा।
    – पार्किंग, रूट डायवर्जन और भीड़ नियंत्रण हेतु नई कार्ययोजना लागू होगी।
  2. सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम
    – ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
    – सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान और चेकिंग व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
  3. फॉरेंसिक क्षमताओं को सुदृढ़ करना
    – अपराध अनावरण में फॉरेंसिक की भूमिका को बढ़ाने हेतु संसाधन और प्रशिक्षण पर बल।
    – आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ सहयोग से विवेचना को और सटीक बनाया जाएगा।
  4. मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश एवं जनजागरूकता
    – नशा तस्करी पर सख्त निगरानी और अंतरराज्यीय नेटवर्क पर कार्रवाई।
    – युवाओं और समाज को नशे से दूर रखने के लिए जनअभियान चलाया जाएगा।
  5. महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम एवं पुनर्वास
    – संवेदनशील मामलों पर त्वरित कार्रवाई और पीड़ितों को सहयोग।
    – पुनर्वास और कानूनी सहायता के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
  6. साइबर अपराधों की रोकथाम एवं जनजागरूकता
    – डिजिटल धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी व साइबर अपराध पर विशेष निगरानी।
    – आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति शिक्षित करने के लिए कैंपेन।
  7. ई-मोबाइल वैन से जनजागरूकता एवं मिशन संवाद
    – मोबाइल वैन के माध्यम से गाँव-गाँव जाकर जनजागरूकता कार्यक्रम।
    – मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक सरोकारों पर संवाद की पहल।
  8. पर्यटन सीजन यातायात प्रबंधन एवं ई-मोबाइल वैन जनजागरूकता
    – सीजनल भीड़ को देखते हुए यातायात का वैज्ञानिक नियंत्रण।
    – ई-मोबाइल वैन से पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को जागरूक करना।
  9. केस ऑफिसर स्कीम नोडल अधिकारी एवं ऑनलाइन दस्तावेज परीक्षण
    – गंभीर मामलों की विवेचना को पारदर्शी और तेज बनाने हेतु केस ऑफिसर स्कीम।
    – दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाना।
  10. सीमावर्ती क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान
    – सीमावर्ती इलाकों में अपराध व अवैध गतिविधियों पर रोकथाम।
    – स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और संवाद व्यवस्था को सुदृढ़ करना।
  11. सीमावर्ती समस्याओं के समाधान में सहयोग एवं मिशन संवाद
    – जनपदीय स्तर पर संवाद और सहयोग की प्रणाली विकसित होगी।
    – सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक भागीदारी से समस्याओं का समाधान।
  12. दंगा नियंत्रण एवं UAPA विवेचना
    – दंगों की रोकथाम हेतु प्रशिक्षित बल और संसाधन उपलब्ध कराना।
    – राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और UAPA मामलों की विवेचना को सशक्त बनाना।
  13. वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा
    – वरिष्ठ नागरिकों को कानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
    – हेल्पलाइन और पुलिस मित्र पहल को और मजबूत करना।
  14. CCTV ग्रिड स्थापित करना
    – परिक्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर CCTV नेटवर्क का निर्माण।
    – निगरानी तंत्र से अपराध पर अंकुश और सबूतों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  15. आपदा राहत प्रबंधन एवं उपकरण उपलब्धता
    – प्राकृतिक आपदा में त्वरित राहत कार्य और समन्वय।
    – आधुनिक उपकरण और संसाधन हर समय उपलब्ध रहेंगे।
  16. सरकारी पोर्टलों की समस्याओं का समाधान
    – पुलिसिंग से जुड़े पोर्टलों के उपयोग में आ रही कठिनाइयों की पहचान।
    – समाधान हेतु तकनीकी व प्रशासनिक सुधार किए जाएंगे।
  17. दस्तावेजों का ऑनलाइन परीक्षण (ITDA से समन्वय)
    – सत्यापन कार्य में पारदर्शिता और तेजी लाना।
    – आईटी प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना।
  18. नए आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण
    – अधिकारियों व कर्मचारियों को नए कानूनों की गहन जानकारी दी जाएगी।
    – व्यवहारिक समस्याओं के समाधान हेतु नियमित प्रशिक्षण सत्र।
  19. आतंकवाद एवं देशविरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण
    – ATS व पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर ठोस कार्रवाई।
    – इंटेलिजेंस सिस्टम को मजबूत बनाकर रोकथाम पर फोकस।
  20. पुलिस लाइन संसाधनों का आकलन एवं डिजिटलीकरण
    – पुलिस लाइन में उपलब्ध संसाधनों की विस्तृत समीक्षा।
    – अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर पारदर्शिता सुनिश्चित।
  21. आदि कैलाश-मानसरोवर यात्रा समस्याओं का समाधान
    – यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हेतु ठोस प्रबंध।
    – मार्ग में आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए योजनाबद्ध पहल।
  22. फायर हाइड्रेंट की मैपिंग और सक्रियता सुनिश्चित करना
    – शहरी क्षेत्रों में सभी फायर हाइड्रेंट की स्थिति की पहचान।
    – इन्हें कार्यशील बनाए रखने हेतु निगरानी और रखरखाव।

आईजी कुमायूँ परिक्षेत्र रिद्धम अग्रवाल ने बताया कि –
“मिशन नव शिखर का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली में नवाचार लाना, अपराध नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाना तथा आमजन की सुरक्षा और विश्वास को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाना है। यह अभियान पुलिसिंग के हर क्षेत्र में सुधार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”

कुमायूँ पुलिस – परंपरा से नवाचार की ओर, जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता।”

“मिशन नव शिखर – नई सोच, नया प्रयास, सुरक्षित समाज।”

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