हाउस ऑफ हिमालया कम्पनी और वुमेन ऑन विंग्स के बीच प्रदेश के उत्पादों को एक नई पहचान दिलाने और आजीविका का निर्माण करने एवं रोजगार बढ़ाने के लिए एमओयू साइन किया गया है।
हाउस ऑफ हिमालया की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए बिजनेस प्लान विकसित करने में सहायता के उद्देश्य से उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति ने वुमेन ऑन विंग्स के साथ गैर वित्तीय समझौता ज्ञापन साइन किया गया है। जिसके अनुसार वुमेन ऑन विंग्स, हाउस ऑफ हिमालया कम्पनी के संचालन हेतु एसओपी तैयार करने, हाउस ऑफ हिमालया ब्रांड को स्केलेबल और टिकाऊ ब्रांड के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
इसके साथ ही व्यापार रणनीति, ब्रांडिंग, विपणन, उत्पाद मूल्य निर्धारण, स्थिति निर्धारण, आपूर्ति श्रृंखला निर्माण, मानव संसाधन की क्षमता निर्माण आदि तथा महिला उत्पादकों की सतत आजीविका सृजित करने में वुमेन ऑन विंग्स, हाउस ऑफ हिमालया कम्पनी की मदद करेगी।
नीदरलैंड बेस्ड गैर सरकारी संस्था वुमेन ऑन विंग्स
वुमेन ऑन विंग्स एक नीदरलैन्ड बेस्ड गैर सरकारी संस्था है। जो ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की स्थायी आजीविका का निर्माण करने एवं रोजगार बढ़ाने के क्षेत्र में वर्ष 2007 से कार्य कर रही है। वर्तमान में उक्त संस्था सम्पूर्ण भारत में लगभग 50 से ज्यादा सामाजिक उपक्रमों एवं महाराष्ट्र तथा झारखण्ड की राज्य संस्थाओं के साथ कार्य कर रही है।
पहाड़ी उत्पादों को मिल रही एक नई पहचान
‘वोकल फॉर लोकल’ के कॉन्सेप्ट के तहत सरकार ने पहाड़ी उत्पादों को एक नई पहचान देने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालया’ ब्रांड की शूरूआत की है। इस से जहां एक ओर किसानों को उनके अनाजों और पहाड़ी प्रोडेक्ट के लिए स्थानीय स्तर पर बाजार मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर बेकरी उत्पादों के माध्यम से उपभोक्ताओं को मोटे अनाजों के बने पौष्टिक उत्पाद मिल रहे हैं।
हाउस ऑफ हिमालया से पहाड़ी उत्पादों को एक नई पहचान मिल रही है। मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन द्वारा ग्राम्य विकास विभाग की इस पहल को काफी सराहा गया तथा ये निर्देशित किया है कि हाउस ऑफ हिमालया की वेबसाइट और स्टोर खोले जाने के संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए।