केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान दिल्ली की सीमा के भीतर घुसने को आतुर हैं। शंभू बॉर्डर पर हालात ज्यादा चिंताजनक है। किसान उग्र हो रहे हैं। सुरक्षाबल आंसू गैस के गोले छोड़कर किसी तरह भीड़ को काबू कर रही है। सुरक्षाबल ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं। हालांकि इस बीच किसानों ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है और शंभू बॉर्डर पर जमकर पतंग उड़ा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि किसान पतंग के मांझे से अब पुलिस के ड्रोन एक्शन को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। किसान शंभू बॉर्डर पर इतनी बड़ी तादाद में पतंग उड़ा रहे हैं कि पुलिस का ड्रोन अपने रास्ते से भटक जा रहा है। इसके अलावा आंसू गैस के गोलों को निष्क्रिय करने के लिए किसानों ने वाटर स्प्रे और गीली बोरियां लगाई हैं. वहीं, बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए जेसीबी मशीनें मंगाई जा रही हैं।
इन मांगों को लेकर डटे हैं किसान
किसानों की सबसे खास मांग MSP को कानून बनाना है।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग
किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग
लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग
भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए
कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।
किसानों और 58 साल से ज्यादा आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन लागू करने 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वंय बीमा प्रीमियम का भगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करके समय खेत एकड़ को एक इकाई के रुप में मानकर नुकसान का आकलन करना।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए।
कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।