साल 2024 कई कारणों से यादगार रहा है। इस साल कुछ अच्छी और कुछ बुरी घटनाएं हुई। इस साल कई बड़े राजनेताओं ने दुनिया को अलविदा कहा। आइये जानते हैं साल 2024 में किन राजनेताओं का निधन हुआ।
डॉ मनमोहन सिंह
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की उम्र में निधन हुआ। वे एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार और 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनका निधन भारतीय राजनीति और शासन में एक युग का अंत है।
ओम प्रकाश चौटाला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राजनीति में एक कद्दावर व्यक्ति ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। चौटाला ने कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रुप में कार्य किया राज्य के कृषि और ग्रामीण विकास पर एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। उन्होनें किसानों के अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निधन से हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक युग का अंत हो गया है, जो अपने पीछे एक स्थायी विरासत छोड़ गया है।
सुशील कुमार मोदी
वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की कैंसर से जूझने के बाद 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होनें 2005 से लेकर 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री के रुप में कार्य किया। उन्होनें एनडीए सहयोगी और जेडी प्रमुख नीतिश कुमार के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने, बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने और राज्य में बीजेपी की उपस्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सीताराम येचुरी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ट नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पश्चिम बंगाल से पूर्व राज्यसभा सांसद और सीपीआई के पोलित ब्यूरो के सदस्य, येचुरी मार्क्सवादी सिद्धांतों के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। उन्होनें अपने पूरे राजनीतिक जीवन में श्रमिकों के अधिकारों और आर्थिक समानता की वकालत की।
ईवीकेएस एलंगोवन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तमिलनाडु कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ईवीकेएस एलंगोवन का 14 दिसंबर को निधन हो गया था। एलंगोवन को फेफड़ों से संबंधित समस्या के कारण दो सप्ताह से ज्यादा समय तक गहन उपचार से गजरना पड़ा। वे इरोड ईस्ट से विधायक और गोबीचेट्टीपलायम से पूर्व लोकसभा सांसद थे। उन्होंने साल 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केंद्रीय कपड़ा मंत्री के रुप में कार्य किया।
बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी चार बार कांग्रेस के विधायक रहे, लेकिन बाद में वे एनसीपी से जुड़ गए। 12 अक्टूबर 2024 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने की थी। कथित तौर पर उनके बेटे जीशान सिद्दीकी भी निशाने पर थे, हालांकि वह बच गए। उन्हें मुंबई की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।
जित्ता बालकृष्ण रेड्डी
बीआरएस नेता और पूर्व टीआरएस युवा कार्यकर्ता जित्ता बालकृष्ण रेड्डी का 6 सितंबर 2024 को 52 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें तेलंगाना राज्य के निर्माण में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनका निधन बीआरएस के लिए एक बड़ा झटका था। पार्टी में एक खालीपन उनकी मौत से छूट गया है जिसे केसीआर के लिए भरना मुश्किल होगा।
नटवर सिंह
यूपीए के पहले कार्यकाल में देश के विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह का 10 अगस्त 2024 को निधन हो गया। उनकी 95 वर्ष की उम्र में मृत्यु हुई। वे एक आईएफएस अधिकारी थे, लेकिन 1984 में उन्होनें इस्तीफा दे दिया और राजनीति में शामिल हो गए। तेल के बदले खाद्यान घोटाले में उनका नाम आने के बाद उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया और इसके बाद साल 2006 में उन्हें कांग्रेस ने निलंबित कर दिया। साल 2008 में वे बीएसपी में शामिल हो गए, लेकिन चार महीने बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया।