


15 जून को केदारनाथ-गुप्तकाशी मार्ग पर हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने उत्तराखंड पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने महानिदेशक को पत्र सौंपकर सीएम धामी समेत UCADA की सीईओ के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी : डिमरी
मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी और उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि यह पिछले डेढ़ महीने में उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर से संबंधित पांचवीं घटना है, जो सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी को दर्शाती है. पत्र में 8 मई को गंगोत्री, 12 मई को बद्रीनाथ, 17 मई को केदारनाथ और 8 जून को बड़ासू हेलीपैड पर हुई पिछली दुर्घटनाओं का उल्लेख करते हुए हेली-कंपनियों की लापरवाही और प्रशासनिक निगरानी में कमी पर सवाल उठाए गए हैं.
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पत्र के अनुसार, आर्यन एविएशन ने निर्धारित उड़ान स्लॉट (सुबह 6:00-7:00 बजे) का उल्लंघन कर सुबह 5:30 बजे उड़ान भरी, जो उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के खिलाफ है. खराब मौसम और कम दृश्यता के बावजूद उड़ान की अनुमति देना और सिंगल इंजन हेलीकॉप्टरों का उपयोग भी गंभीर चिंता का विषय बताया गया.
मोर्चा ने की गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की मांग
मोर्चा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो की नागरिक उड्डयन मंत्री भी हैं. साथ ही नागरिक उड्डयन सचिव, और युकाड़ा (UCADA) की सीईओ सोनिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, साथ ही सिंगल इंजन हेलीकॉप्टरों पर रोक, स्वतंत्र जांच समिति का गठन, और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की अपील की है.
हादसे में हुई थी 7 की मौत
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में और बड़े हादसे हो सकते हैं. बता दें रविवार को हुए इस दुर्घटना में आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलीकॉप्टर के गौरीकुंड के निकट गौरी माई खर्क में क्रैश होने से पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. जिसमें एक 23 माह की बच्ची भी शामिल थी.
