कूड़े से हो रहा बिजली और खाद का उत्पादन, दो नगर निकायों में वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी लागू

कूड़े से हो रहा बिजली और खाद

उत्तराखंड के शहरों में कूड़ा के बड़ी चुनौती बन चूका है. बढ़ती आबादी से शहरों में कूड़ा उत्पादन दिन पर दिन बढ़ रहा है. इससे न केवल स्वच्छता बल्कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी गंभीर हो रही है. लेकिन अब उत्तराखंड के दो नगर निकायों ने कूड़े से बिजली और खाद का उत्पादन शुरू कर एक नई राह दिखाई है.

रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका में नई पहल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी विभागों को निर्देशित किया है कि विकास की हर योजना में इकोलॉजी और इकोनॉमी का संतुलन बनाए रखा जाए. इसी कड़ी में शहरी विकास विभाग के अंतर्गत रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी के तहत कचरे से बिजली उत्पादन की शुरुआत की है. इस पहल के माध्यम से रुद्रपुर नगर निगम ने सालों पुराने कूड़े के ढ़ेर का भी सफल निस्तारण किया है।

कूड़े से हो रहा जैविक खाद का उत्पादन

रुद्रपुर नगर निगम जो 40 वार्ड वाला है. वहां से प्रतिदिन 105 से 118 मीट्रिक टन कूड़ा पैदा होता है. पहले बड़ी संख्या में कूड़ा डम्पिंग साइट पर बिना निस्तारण के ही लंबे समय तक पड़ा रहता था. इसके लिए नगर निगम ने नवंबर 2022 में पीपीपी मॉडल के तहत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर काम शुरू किया. जो अब बिजली के साथ ही जैविक खाद भी उत्पादन करने लगा है. इस प्लांट की क्षमता 50 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है, वर्तमान में यह प्लांट अभी 30 टन कूड़ा प्रतिदिन इस्तेमाल कर पा रहा है. इस प्रक्रिया से हर रोज छह किलोवाट बिजली उत्पन्न हो रही है. साथ ही कल्याणी नाम से जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है.

मसूरी नगर पालिका में भी वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी लागू

वहीं मसूरी नगर पालिका ने भी इसी साल मई से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से उत्पादन शुरू कर दिया है. पीपीपी मोड के इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन आठ टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है, इस कूड़े से नगर पालिका बायो गैस पैदा करती है, इसके साथ ही जैविक खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है. इससे मसूरी जैसे पर्यटक स्थल पर कूड़े की समस्या का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण संभव हो पाया है.

सीएम धामी ने की सराहना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार पहले दिन से ही इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाने पर जोर दे रही है. ग्रीन इकोनॉमी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी क्रम में नगर निकायों में कूड़े से बिजली पैदा की जा रही है. इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी भी तैयार की गई है. हम हर हाल में उत्तराखण्ड के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं

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