Chardham Yatra news : चारधाम यात्रा के नियमों हुआ बदलाव, जानें यहां

चारधाम यात्रा के लिए हजारों श्रद्धालु हर दिन उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। जिस कारण व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव किया गया है ताकि चारों धामों में जो श्रद्धालु पहुंचे हैं उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। चारधाम यात्रा में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सरकार ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही यमनोत्री धाम की यात्रा के लिए भी नई व्यवस्था लागू की गई है।

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर जो श्रद्धालु आना चाह रहे हैं और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के तहत दर्शन करने की सोच रहे हैं तो उनके लिए बेहद जरूरी सूचना है। अब चार धामयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को 31 में तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से दर्शन करने का मौका नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले भी दर्शन की तारीख मिलने पर ही आएं
आपको बता दें कि चारों धामों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भी वही श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं जिनकी दर्शन की तारीख पहले से तय है। जिनके दर्शन की तारीख ऑनलाइन के माध्यम से आगे की है वो भी यात्रा पर अभी न निकलें। बता दें कि सरकार द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से ये चेक किया जा रहा है कि किस श्रद्धालु के द्वारा कब रजिस्ट्रेशन किया गया था और कब उन्हें चारों धामों में दर्शन की तारीख क्या उपलब्ध हुई है।

केदारनाथ धाम में अब गर्भगृह के होंगे दर्शन
यात्रियों की तादाद बढ़ने से कई धामों में श्रद्धालुओं को दर्शन करने का भी मौका नहीं मिल पा रहा है। केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद बीकेटीसी और प्रशासन के द्वारा सभी श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दर्शन करने पर सहमति बनी है। क्योंकि अभी तक कई श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर बाहर से लौट जा रहे थे।

यमनोत्री में अब एक घंटे में ही करने होंगे दर्शन
यमनोत्री धाम की यात्रा में अब घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यमनोत्री धाम की यात्रा करने वाले यात्रियों को एक घंटे में दर्शन कर वापस लौटना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो संचालक बिना यात्री को अपने साथ लिए ही वापस आ जाएंगे। इसके साथ ही धाम में घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या भी तय कर दिया गया है।

एक दिन में 800 घोड़े-खच्चर ही जाएंगे। सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाएगा। डंडी-कंडी की अधिकतम संख्या को भी तय किया गया। अब एक दिन में 300 डंडी-कंडी ही यात्रा पर जाएंगी। इनके आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक तय किया गया है।

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