
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिन पहले संसद में प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद अब इस पूरे में खुद सूबे के मुखिया ने प्रतिक्रिया दी है.
अवैध खनन के आरोपों पर सीएम धामी ने दी प्रतिक्रिया
उत्तराखंड में हो रहे अवैध खनन के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में bअवैध खनन के खिलाफ राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है.
त्रिवेंद्र रावत ने संसद में उठाया था अवैध खनन का मुद्दा
बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में उत्तराखंड में धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने लोकसभा में कहा था कि ‘मैं आज बहुत ही संवेदनशील और गंभीर विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. विषय उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में रात के समय अवैध रूप से संचालित अवैध खनन ट्रकों से संबंधित है’.
त्रिवेंद्र रावत ने कहा था कि सरकार और प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खनन माफिया अवैध ट्रकों का संचालन खुलेआम कर रहे हैं. इन ट्रकों में भारी मात्रा में ओवरलोडिंग की जाती हैं. बिना किसी वैध अनुमति के खननों को परिवहन किया जाता है. इन अवैध गतिविधियों के कारण प्रदेश की सड़कों और पुलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र और राज्य सरकार से अवैध खनन को रोकने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करने का आग्रह किया था. साथ ही कहा था कि रात के समय ट्रकों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और सख्ती से इसकी निगरानी की जाए.
खनन सचिव ने दिया था सांसद को जवाब
उनके संसद में दिए बयान के बाद खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने कहा था कि राज्य गठन के बाद से 2002 से 2025 तक उत्तराखंड राज्य को खनन से कभी भी 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त नहीं हुआ. लेकिन अवैध खनन पर अंकुश लगाकर राज्य ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लक्ष्य हासिल कर लिया है. जिसे उन्हें सरकार की उपलब्धि बताया था.
अधिकारी के लिए सांसद ने किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल
खनन सचिव बृजेश कुमार संत की प्रतिक्रिया पर सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया है. बता दें एक निजी चैनल से बातचीत में सांसद त्रिवेंद्र ने बयान दिया कि ‘शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करते हैं’. बता दें पूर्व मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के लिए कुत्ते शब्द का इस्तेमाल किया है. उनके इस जवाब के बाद से उत्तराखंड में माहौल गरमाया हुआ है